बेटियां जब खिल खिलाती है तो संसार के सारे फूल फीके पड़ जाते हैं

मैथिली ठाकुर एक साधारण परिवार गांव की लड़की नहीं हैं। मात्र 23 साल की उम्र में सात सौ से ज्यादा लाइव शो किए हैं और रियलिटी शो “राइजिंग स्टार” के पहले सीजन की रनर अप रह चुकी हैं। मैथिली अपने दो भाइयों से बड़ी हैं और एक प्रतिभाशाली गायिका हैं। उनके मझले भाई ऋषभ ठाकुर तबले पर थाप देना पसंद करते हैं।
शास्त्रीय संगीत, मिथिला और अन्य लोक भाषाओं की जानी-मानी गायिका मैथिली ठाकुर देश की प्रथम श्रेणी की शास्त्रीय गायक की टोली में शामिल हो गई हैं। आकाशवाणी ने मैथिली ठाकुर के साथ एक अनुबंध किया है जिसके तहत उनके द्वारा गाए गए शास्त्रीय संगीत को 99 साल तक प्रसारित किया जाएगा। यह कीर्तिमान है कि इतनी कम उम्र की किसी भी गायिका से आकाशवाणी की ओर से अब तक ऐसा अनुबंध नहीं हुआ था।
मैथिली ठाकुर का जन्म 25 जुलाई 2000 को बिहार के मधुबनी में हुआ था। वह बचपन से ही संगीत के वातावरण में पली-बढ़ी हैं। उनके पिता, रमेश ठाकुर, एक संगीत शिक्षक हैं और उनकी माता, पूजा ठाकुर, गृहिणी हैं। मैथिली के परिवार में उनके अलावा एक बड़ा भाई, ऋषभ ठाकुर, और एक छोटा भाई, अयाची ठाकुर, हैं। मैथिली की प्रारंभिक शिक्षा बाल भवन इंटरनेशनल स्कूल से हुई और वर्तमान में वह दिल्ली के आत्माराम सनातन धर्म कॉलेज से पढ़ाई कर रही हैं।
संगीत मैथिली को विरासत में मिला है। चार साल की उम्र से ही उनके दादाजी ने उन्हें संगीत सिखाना शुरू कर दिया था। उनके छोटे भाई अयाची भी संगीत सीख रहे हैं। परिवार में मैथिली को प्यार से “तन्नु”, अयाची को “हब्बू” और बड़े भाई ऋषभ को “सन्नी” बुलाया जाता है। मैथिली को पुर्या धनाश्री राग सबसे अधिक प्रिय है।
मैथिली ने पहली बार 2011 में लिटिल चैंप्स का ऑडिशन दिया था लेकिन वह रिजेक्ट हो गई थीं। इसके बाद भी उन्होंने कई शोज के लिए ऑडिशन दिए, पर टॉप 20 तक आकर रिजेक्ट हो जाती थीं। छह बार रिजेक्ट होने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और 2015 में आई जीनियस यंग सिंगिंग स्टार सीजन 2 का खिताब जीता। उन्होंने इंडियन आइडल जूनियर 2 में भी टॉप 20 में जगह बनाई। 2017 में राइजिंग स्टार नामक सिंगिंग रियलिटी शो में उनके अच्छे प्रदर्शन के लिए उन्हें 94 प्रतिशत स्कोर प्राप्त हुए थे। उन्होंने भोर भये गाने का गायन किया था। इसके साथ ही मैथिली पाँच बार दिल्ली राज्य की शास्त्रीय संगीत प्रतियोगिता की विजेता रह चुकी हैं।
मैथिली ने 2016 में 11वीं की पढ़ाई के साथ थारपा नामक एलबम से अपने संगीत करियर की शुरुआत की थी। वह बॉलीवुड में सफल प्लेबैक सिंगर बनना चाहती हैं। मैथिली के पिता रमेश ठाकुर मूलतः बिहार के मधुबनी के रहने वाले हैं। 20 साल पहले वह बिहार से दिल्ली आए थे। मैथिली अभी भी बिहार जाती रहती हैं जहां उनके दादा रहते हैं। उनके पिता रमेश ठाकुर दिल्ली में संगीत प्रशिक्षण केंद्र चलाते हैं। मैथिली का बचपन का नाम तन्नू था जिसे बाद में लोगों ने प्यार से मैथिली बुलाना शुरू कर दिया।
मैथिली दिल्ली के द्वारका में रहती हैं और अपने पिता के संगीत प्रशिक्षण केंद्र में बच्चों को संगीत सिखाने में भी मदद करती हैं। गाँव से शुरू हुआ मैथिली का सफर आज देश-दुनिया तक पहुंच गया है, जो उनकी मेहनत और प्रतिभा का प्रमाण है।

- पिंटू सिंह
- टीम न्यूज अपडेट यूपी
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