बरेली। नगर निगम बरेली का जीआईएस सर्वे लोगों के लिए मुसीबत से कमतर नहीं है। जीआईएस सर्वे के अनुसार बनाये गए बिल जहाँ लोगों हैरान और परेशान कर रहे हैं तो इसी जीआईएस सर्वे से जारी किये गए बिलों में खामियों को लेकर खुद नगर निगम के अधिकारीयों और महापौर ने मंथन किया था। जिसके बाद सर्वे के बाद जारी किये जा रहे बिलों को कुछ समय के लिए रोक दिया गया था।
नगर निगम द्वारा लगभग 15 दिन कर निस्तारण की साइट बंद थी जो अब निगम महापौर और नगर आयुक्त के निर्देश पर दुबारा जनता के लिए शुरू कर दी गई है। इस बार जो सर्वेक्षण में भवन प्रदर्शित हैं उनके लिए स्वकर निर्धारण के साथ`के आपत्ति फॉर्म जमा करें और निगम को सूचित करें। तो इन नए 80 हजार भवन स्वामियों को निगम की तरफ से नोटिस बिल भी जारी किया जाएगा यदि किसी भी व्यक्ति को बिल में कोई आपत्ति है तो वो निगम में कर मित्रों से संपर्क साध सकता है। इस बार नई व्यवस्था में किसी आवासीय भवन का कुछ भाग व्यावसायिक है तो उसका कर निर्धारण आवासीय और व्यवसायिक दोनों श्रेणियों में होगा।
कर निर्धारण के लिए जारी किये जाने वाले बिलों में ब्याज की धनराशि को मूल बकाया में शामिल नहीं किया जायेगा तो साथ ही आवासीय भवनों को नियमानुसार प्राचीनता के आधार पर दी जाने वाले छूट को नए जारी किये जाने वाले बिलों में यथावत रखा जायेगा।
अब दुबारा जारी संपत्ति कर को लेकर आम जनता को किसी भी प्रकार की कोई दिक्कतें नहीं आएं इसके लिए नगर आयुक्त द्वारा मुख्य कर निर्धारण अधिकारी और कर निरीक्षकों को सख्त निर्देश दिए हैं तो साथ ही निगम परिसर में जोन बार कर मित्रों के साथ जीआईएस कर्मियों को भी जनता की सहूलियत के लिए तैनात किया गया है। तो नगर निगम कर विभाग का भी प्रयास है कि कर संपत्ति बिलों को लेकर नगर की जनता को किसी प्रकार की दिक्कतों से दूर रखा जाए।
– टीम न्यूज़ अपडेट यूपी