बरेली। मंगलवार को पूरे जिले की आशा वर्करों यूनियन ने जिला अधिकारी के जरिए मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है जिसमे उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षी से यूपी आशा वर्कर्स यूनियन अपनी मांगों व समस्याओ के समाधान की याचना कर रही है। परन्तु समस्याओं को सुनने के बाद उसका निस्तारण अभी तक नहीं किया गया आशाओं के ऊपर काम का बोझ लगातार बढ़ रहा है और उसका भुगतान नहीं किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आभा आईडी के नाम पर आशाओं से कंप्यूटर ऑपरेटर का काम कराया जा रहा है जो वह काम नहीं कर पा रही उन्हें अधिक प्रताड़ित किया जा रहा है
उन्होंने मांग की है कि आशा और संगिनी को मिलने वाली राशि को प्रोत्साहन राशि के बजाय मानदेय के रूप में दिया जाए, तीन माह से बकाया टीवी ई भुगतान अति शीघ्र किया जाए, 45 वे भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिश के अनुरूप संगिनी एवं आशा कर्मियों का राज्य स्वास्थ्य कर्मी के रूप में मान्यता देकर सुरक्षा की गारंटी दी जाए जान गंवाने वाली आशाओं एवं संघन के आश्रित को 20 लाख मुआवजा व अशक्त हो गई आशा/ संगनी को 10 हजार मासिक पेंशन दी जाए, काम के घण्टे कम करते हुए वाउचर प्रथा बन्द की जाए सहित कई मांगे रखी है। ज्ञापन देने वालों में जय श्री गंगवार ,सीमा, रीता, राधा, धनवती, चंद्रकली, पुष्पा, मंजू, नीरज मिथलेश , निर्मला , तारावती , अनिता , किरन , कमलेश कुमारी , रजिया , गुड्डी ,आरती सहित सैंकड़ो महिलाएं उपस्थित थी।
– टीम न्यूज अपडेट यूपी