Newsupdateup :- BDA के अधिकारियों ने मांगी 5 लाख की रिश्वत, जॉकी शोरूम के मालिक ने कोर्ट में दी अर्जीजॉकी शोरूम के मालिक रोहित कुमार शौरी की ओर से मंगलवार को स्पेशल कोर्ट एंटी करप्शन में अर्जी देकर बीडीए के अधिकारियों पर पांच लाख की रिश्वत मांगने का आरोप लगाया गया है। अर्जी में कोर्ट से बीडीए उपाध्यक्ष मनिकंडन ए, सचिव योगेंद्र कुमार, एई अनिल कुमार, जेई रमन अग्रवाल और कर्मचारी वीरेंद्र सिंह के साथ 20-25 अज्ञात लोगों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराने का आदेश पारित करने का आग्रह किया गया है। अदालत ने थाना प्रेमनगर से रिपोर्ट मांगी है, अगली सुनवाई के लिए 13 दिसंबर की तारीख नियत की गरोहित शौरी की ओर से अधिवक्ता लवलेश पाठक के जरिए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम कोर्ट में दी गई अर्जी में कहा गया है कि उनका सूद धर्मकांटा के पास जाॅकी नाम से शोरूम है जिसका मानचित्र व्यवसायिक रूप से मंजूर है। अर्जी में कहा गया है कि रोहित 24 जुलाई को अपने शोरूम की सफाई कर रहे थे, तभी वहां पहुंचे वीरेंद्र सिंह नाम के व्यक्ति ने उनसे कहा कि शोरूम की सफाई करने से पहले उन्हें बीडीए से अनुमति लेनी पड़ेगी। इससे बचना है तो बीडीए उपाध्यक्ष को पांच लाख रुपये दे दो और उनसे जाकर मिल लो।
अर्जी में कहा गया है कि रोहित ने उसकी बात पर कोई ध्यान नहीं दिया तो 30 सितंबर को बीडीए ने उनके भाई सुशील शौरी को नोटिस भेज दिया। इसके बाद बीडीए के जेई रमन अग्रवाल और सचिव योगेंद्र कुमार ने व्यक्तिगत रूप से कहा कि जब तक वह पांच लाख रुपये नहीं देंगे, उनकी दुकान को नहीं चलने दिया जाएगा। बीडीए उपाध्यक्ष और सचिव अपने कर्मचारियों के माध्यम से उन पर लगातार पांच लाख रुपये देने का दबाव डालते रहे। इसी क्रम में 30 नवंबर को बीडीए के एई अनिल कुमार, जेई रमन अग्रवाल और कर्मचारी वीरेंद्र सिंह 20-25 अज्ञात लोगों के साथ शोरूम पर पहुंचे।
आरोप है कि इन लोगों ने बीडीए उपाध्यक्ष और सचिव के लिए फिर पांच लाख रुपये की मांग की। रोहित ने परिचय पत्र मांगा तो बताया कि वे लोग बीडीए उपाध्यक्ष और सचिव के ही आदेश पर पहुंचे हैं। इसके बाद इन लोगों ने शोरूम पर तोड़फोड़ करते हुए उनकी महिला कर्मचारी और बाकी स्टाफ के साथ मारपीट भी की।
वकील लवलेश पाठक ने अर्जी में कहा है कि बीडीए अधिकारी उनके मुवक्किल पर लगातार रिश्वत देने का दबाव बना रहे थे। बीडीए 25 नवंबर को ही शोरूम के ध्वस्तीकरण का आदेश कर चुका था। लिहाजा 28 और 30 नवंबर को नियमविरुद्ध तरीके से शोरूम पर जाना बीडीए अधिकारियों की मंशा को साफ कर रहा है।
जो कार्रवाई हुई है वह नियम संगत है। नियमपालन के बजाय अपनी गलती को छिपाने के लिए झूठ का सहारा लिया जा रहा है। आरोप निराधार है, ये सभी को पता है। जबरदस्ती काम करने की कोशिश की जा रही है- मनिकंडन ए, उपाध्यक्ष बीडीए।