बरेली, यूपी। बरेली कॉलेज बरेली इस समय मुश्किलों से गुजर रहा है। यहाँ की रसायन विज्ञान प्रयोगशाला में जल्द ही छात्रों के इस्तेमाल हेतु केमिकल्स में कमी होने वाली है। इस समय छात्र रिज़र्व पड़े केमिकल का इस्तेमाल प्रयोग हेतु कर रहे है।
बता दें कि बीते महीने पहले, नगर निगम ने बरेली कॉलेज के बैंक खाते 27.30 करोड़ रुपये का टैक्स बकाया होने पर सीज कर दिए थे। जिससे की बरेली कॉलेज अभी आर्थिक संकट से गुजर रहा है। साथ ही अन्य शैक्षिक गतिविधियों में भी रूकावट का सामना करना पड़ रहा है।
बताया जा रहा है कि कॉलेज पर वर्ष 1998 से टैक्स बकाया है। निगम से सौ मीटर परिधि में कॉलेज है, इसलिए भवन, जल, सीवर शुल्क लगा है। जो करीब 27.30 करोड़ रुपये है। नगर आयुक्त निधि गुप्ता वत्स ने बताया कि फिर से पैमाइश कराने के बाद निर्धारित कर जमा करने पर खाता खोला जाएगा।
रसायन विज्ञान में स्नातक के प्रथम सेमेस्टर में गणित के 880 और जीव विज्ञान के 760 विद्यार्थी पढ़ते हैं। स्नातक के सभी सेमेस्टर के विद्यार्थियों को मिलाकर ये संख्या करीब ढाई हजार से अधिक पहुंचती है। परास्नातक में 55 सीटों में 54 सीटों पर विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं। विभाग में 24 पदों पर 17 शिक्षक तैनात हैं और चार लैब असिस्टेंट और पांच लैब बेयरर भी हैं। वर्तमान शैक्षिक सत्र में रसायन विज्ञान विभाग के विद्यार्थियों को प्रयोगशाला में आवश्यक केमिकल्स की कमी हो गई है। इसकी वजह से रिजर्व में रखे केमिकल का इस्तेमाल किया जा रहा है।
कॉलेज प्रशासन ने बताया कि नगर निगम की ओर से खाते सीज होने की वजह से प्रयोगशाला में जरूरी केमिकल्स की उपलब्धता में कमी आई है। शिक्षकों ने चिंता व्यक्त की है कि अगर जल्द ही खाते के संचालन पर रोक नहीं हटाई गई तो आगामी सेमेस्टर के विद्यार्थियों के लिए संकट हो सकता है। विभागाध्यक्ष प्रो. पीबी सिंह ने बताया कि वर्तमान में केमिकल के बफर स्टॉक से स्नातक और परास्नातक के विद्यार्थियों को प्रयोगात्मक कक्षाएं संचालित की जा रही है। अगले सेमेस्टर के लिए नवंबर में प्राचार्य को लैब में आवश्यक सामानों का मांगपत्र भेजा जाएगा। प्राचार्य प्रो. ओपी राय ने बताया कि सीज खाते खोलने के लिए एक बार फिर नगर निगम को रिमांडर भेजा जाएगा।
मरम्मत नहीं होने से जर्जर हुई लैब
रसायन विज्ञान विभाग में करीब पांच भवनों में छोटी-बड़ी स्नातक और परास्नातक की लैब संचालित की जाती है। लंबे समय से मरम्मत नहीं होने से अधिकांश भवन जर्जर हो चुका है। स्नातक की लैब की दीवारों का प्लास्टर भी कई बार सीलन से गिर चुका है। जिस जगह केमिकल्स रखे हैं, वहां भी कई जगह नमी भी रहती है।
– टीम न्यूज अपडेट यूपी