नासा की वजह से धरती पर होगी ‘टूटते तारों’ की बारिश, इंसानों को कितना खतरा, जानें सब कुछ

वॉशिंगटन: नासा के एक मिशन के कारण पैदा हुए लाखों क्षुद्रग्रह पृथ्वी से टकरा सकते हैं। यह संभवत पहली मानव निर्मित उल्का वर्षा होगी। वैज्ञानिकों ने एक नए अध्ययन के जरिए बताया है कि दो साल पहले नासा ने जानबूझकर अपने एक अंतरिक्ष यान को छुद्रग्रह से क्रैश करा दिया था। इससे लाखों की संख्या में छोटे-छोटे अंतरिक्ष चट्टान के टुकड़े पृथ्वी और मंगल से टकराने की राह पर बढ़ रहे हैं। ये क्षुद्रग्रह अगले एक दशक के भीतर पृथ्वी से टकराना शुरू कर सकते हैं। हालांकि, इससे पृथ्वी पर हमारे जीवन को कोई खतरा नहीं है।

कब टकराया था नासा का अंतरिक्ष यान
26 सितंबर, 2022 को नासा का डबल ऐस्टरॉइड रिडॉयरेक्शन टेस्ट (DART) अंतरिक्ष यान जानबूझकर क्षुद्रग्रह डिमोर्फोस से टकराया था। टकराव के समय DART की रफ्तार लगभग 15,000 मील प्रति घंटे (24,000 किमी/घंटा) थी। यह अंतरिक्ष यान डिमोर्फोस के ठीक बीच में टकराय था। पृथ्वी से 7 मिलियन मील (11 मिलियन किलोमीटर) से अधिक की दूरी पर हुआ यह महाविनाश, संभावित रूप से खतरनाक क्षुद्रग्रहों का रास्ता मोड़कर पृथ्वी को बचाने के लिए इंसानों की क्षमता का पहला परीक्षण था।

नासा ने बदल दिया था उल्कापिंड का रास्ता
यह मिशन एक बड़ी सफलता थी। DART ने न केवल डिमोर्फोस के रास्ते को बदल दिया, बल्कि अपने साथी क्षुद्रग्रह डिडिमोस के चारों ओर अपनी यात्रा को लगभग 30 मिनट तक छोटा कर दिया। इस टक्कर ने क्षुद्रग्रह के आकार को भी पूरी तरह से बदल दिया। इसने प्रदर्शित किया कि इस प्रकार की क्रिया, जिसे काइनेटिक इम्पैक्टर मेथड के रूप में जाना जाता है, हमारे ग्रह को खतरनाक अंतरिक्ष चट्टानों से बचाने के लिए एक संभावित व्यवहार्य विकल्प है।

– टीम न्यूज अपडेट यूपी

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