बरेली,यूपी। उत्तरप्रदेश के सितारगंज हाइवे को फोरलेन और रिंग रोड बनाने के लिए किये गए भूमि अधिग्रहण और परिसंपत्तियों के मूल्यांकन में हुए करोड़ो के घोटाले में कार्यवाही हुई है। कार्यवाही में दोषी पाए गए लोक निर्माण विभाग (पीडब्लूदी) के तीन अवर अभियंता (जेई) और अमीन के खिलाफ निलंबन का आदेश अनु सचिव ने जारी किया है। इसकी सूचना मिलते ही पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों में खलबली मची हुई है।
सितारगंज हाईवे को फोरलेन बनाने के लिए किए गए भूमि अधिग्रहण में घोटाला किया गया। एनएचएआई, नोडल एजेंसी, राजस्व और पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों और कर्मचारियों की साठगांठ से खेल किया गया। इसी के साथ ही बरेली के आउटर रिंग रोड के लिए भूमि अधिग्रहण और परिसंपत्तियों के मूल्यांकन में भी बड़े पैमाने पर हेराफेरी की गई है। जिलाधिकारी रविंद्र कुमार की ओर से गठित कमेटी की जांच में दोनों मामलों में 21.52 करोड़ की धांधली पकड़ी गई थी और इसमें 13 अधिकारी और कर्मचारी दोषी पाए गए थे।
सीडीओ जग प्रवेश की अध्यक्षता में गठित कमेटी की जांच रिपोर्ट को डीएम ने 11 सितंबर को शासन में भेज दिया था। जांच रिपोर्ट के आधार पर 18 सितंबर को शासन के अनु सचिव शिव कुमार ने मामले में दोषी पाए गए पीडब्ल्यूडी के प्रांतीय खंड के अवर अभियंता राकेश कुमार, अंकित सक्सेना, सुरेंद्र सिंह, अमीन शिवशंकर को निलंबित करने का आदेश प्रमुख अभियंता को दिया है। अब जल्द ही दोषी अधिकारियों और कर्मचारी पर कभी भी निलंबित करने की कार्रवाई हो सकती है। निलंबन का आदेश की सूचना लगते ही पीडब्ल्यूडी के स्थानीय कार्यालयों में खलबली मची हुई है। एक अमीन को निलंबित होने की सूचना आ गई है। इसके अलावा तीन अवर अभियंता के निलंबन की जानकारी मिली है। यह मामला शासन स्तर से जुड़ा हुआ है। -राजीव अग्रवाल, अधिशासी अभियंता, लोक निर्माण विभाग
– टीम न्यूज अपडेट यूपी