गंगा ज्ञान भक्ति और वैराग्य देती है – कैलाशानंद गिरी

बरेली। त्रिबटी नाथ मंदिर में चल रही भागवत कथा में आज तीसरी दिन कथा व्यास आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने भक्तों को भागवत कथा सुनाई उसमें तमाम प्रसंगों का व्याख्यान किया। उन्होंने कहा गंगा ज्ञान भक्ति और वैराग्य देती है। ऐसे ही भागवत भी ज्ञान भक्ति और वैराग्य देती हैं। इसलिए गंगा और भागवत समान है।
राजा परीक्षित ने जब मुकुट पहनने जा रहे थे उस समय बिल्ली रास्ता काट गई उन्होंने उसके बाद महाराज जरासंध का मुकुट धारण करते ही जंगल में शिकार करने चले गए वह दिन भर घूमते हुए थक गए जहां उन्हें एक संत साधना करते हुए मिले राजा परीक्षित ने संत से जल पीने को मंगा लेकिन संत पूजा में लीन थे इसलिए वह राजा की बात नहीं सुन सके इसके बाद राजा परीक्षित को लगा कि संत उनकी बात अनसुना कर रहे है इसके बाद महाराज परीक्षित ने वहां एक मरा हुआ सांप देखा और उन्होंने उसे बाण उसे उड़कर संत के गले में डाल दिया उसके बाद संत के पुत्र को पता चला कि उनके संत पिता के साधना के समय गले में मरा हुआ सांप डाल दिया इस बात से नाराज संत के पुत्र ने हाथ में जल लेकर ऐसा कृत्य करने वाले व्यक्ति को श्राप दिया कि जिसने ऐसा किया उसे एक सप्ताह के भीतर सांप डस ले।
मुजफ्फरनगर में शुक्र ताल जगह है जहां भागवत कथा तमाम साधु संतों की मौजूदगी में राजा परीक्षित को सुनाई इसके बाद उनको मुक्ति मिली। स्वामी रामदास ने महाराष्ट्र में चौदह सौ मंदिरों का निर्माण कराया, चौदह के पीछे एक वजह है भगवान राम को चौदह वर्ष का वनवास हुआ, चौदह इंद्रियां ऐसे कई और प्रसंग है जिसमें चौदह का महत्व है। स्वामी कैलाशानंद गिरी जी का बरेली से गहरा नाता है उनका साधक जीवन शुरू हुआ है इसलिए उन्होंने कथा की शुरुआत बरेली से की है। भोले भक्त स्वामी जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह सौभाग्य की बात है कि नाथ नगरी से कथा की शुरुआत हुई है।


आज कथा के मुख्य यजमान सुनील यादव और विकास खंडेलवाल थे, कथा के दौरान आयोजन समिति के सभी सदस्य मौजूद रहे। आज की कथा में मुख्य रूप आरएसएस से जुड़े देवेंद्र सोम जी,धर्म जागरण मंच से मनीष जी, पूर्व विधायक किशन लाल राजपूत, राजेश मिश्रा पप्पू भरतौल, डॉ अनिल शर्मा, लाल बाबा, धीरज पांडेय, प्रवीण गोयल,अंकित शुक्ला, रोहित राकेश समेत भारी संख्या में श्रोता मौजूद रहे और कथा को सुनकर भावविभोर हो उठे।
कथा शुरू होने से पहले अखिल भारतीय पुजारी महासंघ ने परम पूज्य गुरुदेव निरंजनी पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर आचार्य स्वामी कैलाशानंद गिरी जी महाराज का स्वस्ति वाचन, पुष्प बर्षा और शंखनाद के साथ स्वागत किया। राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु पाठक, रमाकांत दीक्षित, अजय राज शर्मा, कुलदीप श्रोतिय, संजीव पांडेय आदि ने स्वागत किया।

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