पुरानी पेंशन बहाली को लेकर संयुक्त संघर्ष संचालन समिति ने निकाला कैंडल मार्च

बरेली,यूपी। बरेली संयुक्त संघर्ष संचालन समिति के जिला अध्यक्ष आशीष गंगवार ने 50-60 कर्मचारियों के नेतृत्व मे पुरानी पेंशन बहाल किए जाने को लेकर थाना कोतवाली स्थित गांधी जी की प्रतिमा पर एकत्र होकर हाथों में कैंडल मार्च लेकर नारेबाजी प्रदर्शन किया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम एक ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट कुछ सोफा कैंडल मार्च का आयोजन नहीं किया गया वहीं गांधी प्रतिमा स्थल पर ही नगर मजिस्ट्रेट द्वारा ज्ञापन लिया गया पुरानी पेंशन की बहाली की मांग विगत 15 वर्षों से लम्बित है, और सरकार इसे मानने को तैयार नहीं है। जबकि यह प्रदेश के 17 लाख कर्मचारी/शिक्षको और उनके परिवारों से जुडी मांग है। विगत माह केन्द्रीय सरकार द्वारा एन०पी०एस० के स्थान पर यू०पी०एस० लागू करने की घोषणा की गई और प्रदेश सरकार ने भी इस योजना को स्वीकार कर लिया है परन्तु प्रदेश के शिक्षक कर्मचारी यू०पी०एस० से संतुष्ट नहीं है। कर्मचारी शिक्षक समाप अपनी मूल मांग ओ०पी०एस० की बहाली चाहता है, परिणाम स्वरुप राज्य के लाखों परिवार असंतुष्ट है।

कोरोना आपदा में प्रदेश के शिक्षकों/कर्मचारियों के अतुलनीय सहयोग, त्याग व ड्यूटी निभा के प्रतिफल में दशकों से मिल रहे अनेक भत्तों तथा विशेष चेतन को एकपक्षीय ढंग से समाप्त क दिया गया और डी०ए०, एरियर की धनराशि का भुगतान भी रोक दिया गया है। वेतन विसंगति प्रकरणों पर सरकार शासन ने फरवरी-मार्च 2018 से आज तक पूर्ण निर्णय नहीं लिया, चिकित्र परिचर्या नियमावली लागू करने में अतिशय विलम्ब हुआ है जबकि यह शासकीय दल के चिंतक पुरोधा (स्व० दीनदयाल उपाध्याय जी) के नाम पर संचालित की जा रही है। संगठनों के साथ शास एवं विभागीय स्तर पर होने वाली बैठकों का दौर लगभग समाप्त ही हो गया है। कर्मचारियों-शिक्षव के पक्ष में माननीय सर्वोच्च न्यायालय उच्च न्यायालय के फैसलों का अनुपालन रोकने के लिये कानून अधिसूचना जारी कर उनको दशकों पहले की बैक डेट से लागू करने की परम्परा डालने, अनेक विभागों में 10-20 वर्षों से संविदा मानदेय आदि के रुप में निरन्तर कार्यरत कार्मिकों, शिक्षा मित्रों क नियमितीकरण न होने, राज्यकर तथा स्वास्थय विभाग के कैडर रिव्यू न करने, सफाई कर्मियों की सेव नियमावली न बनाने, विद्यालयों में शिक्षा सुविधाओं-संचार तंत्र के अभाव के बावजूद डिजिटल अटेण्डेंस लागू करने, 50 से कम छात्र संख्या के आधार पर विद्यालयों को बंद करना जैसे अनेको विषयों ने कर्मचारियों/ शिक्षकों के असंतोष को बढ़ाया है।

– टीम न्यूज अपडेट यूपी

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Author: News Update Up

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