बरेली,यूपी। वित्त्य मंत्री निर्मला सीतारमन ने कल मंगलवार को संसद में मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 7वीं बार सदन में आम बजट पेश कर इतिहास रच दिया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पूर्व वित्त मंत्री मोरारजी देसाई का रिकार्ड तोड़ दिया है, जिन्होंने इससे पहले 6 बार लोकसभा में बजट पेश किया था. इस बजट में युवाओं के लिए कई बड़े फैसले लिए गए हैं. वहीं बजट को लेकर पक्ष-विपक्ष से प्रतिक्रिया आनी शुरु हो गई है।
जानिए क्या है लोगों की प्रतिक्रियाएं बजट को लेकर ?
केंद्र सरकार द्वारा पेश किया हुआ बजट किसानों के लिए बिल्कुल निराशा जनक रहा। किसानों की फसलों की वाजिब कीमत पर खरीदारी की गारंटी का भी कोई इस बजट के अंदर प्रावधान नहीं रखा गया। फ्री सिंचाई के लिए भी किसानों को इस बजट से कोई राहत नहीं मिली। देश का गन्ना किसान सरकार की नीतियों के कारण बर्बादी के कगार पर पहुंच चुका है। उसका भी इस बजट में कोई विचार नहीं किया गया। – टिकैत
आंध्र प्रदेश और बिहार को खुश रखने वाला बजट है। यह अपनी कुर्सी बचाने और कुछ अन्य को खुश रखने के लिए लाया गया बजट है। उन्होंने कहा कि बजट देश के मूल मुद्दों से निपटने में विफल रहा और केवल आंकड़ों में हेरफेर किया गया एवं बयानबाजी की गई।उन्होंने कहा, “बिहार राज्य में हत्या और चोरी हो रही है। मजदूरों को उनकी मजदूरी नहीं मिल रही है। युवाओं को नौकरियां नहीं मिल रही , किसानों की समस्या अभी भी बरकरार है। बिहार को 26 हजार करोड़ रुपये आवंटित करना बिहार को झुनझुना देने के बराबर है। – अजय शुक्ला
आम बजट में केवल धोखा देने के लिए अजीबो गरीब घोषणाएं की गई हैं। घिसी पिटी घोषणाएं और झूठ का पुलिंदा साबित होगा यह बजट ! क्योंकि बेरोजगारी महंगाई महिलाओ, युवाओं, मध्यम वर्ग के मुद्दे नौ दो ग्यारह हो गए हैं तथा शिक्षा स्वास्थ्य पर कोई भरोसेमंद घोषणा नहीं है। कोई विश्वास नहीं रहा भाजपा सरकारें पूरे देश में हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है इसीलिए वह नफ़रत की राजनीति कर गुमराह कर रही हैं! चौधरी असलम ने कहा कि भाजपा सरकार को कांग्रेस से बजट तैयार करने के लिए शिक्षा ग्रहण कर लेनी चाहिए। – चौधरी असलम मियां ( प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व सचिव )
मोदी सरकार के 3.0 के पहले बजट में सिर्फ़ निराशा और हाताशा है इस बजट में मध्यम वर्ग और मज़दूर वर्ग के लिए कुछ भी नहीं है। यह बजट जन विरोधी है , इस बजट में गरीब और गरीब होता जायेगा और अमीर और अमीर होता जायेगा। इस बजट में भारतीय किसानों के लिए कोई भी राहत नहीं है सरकार को चाहिए की कृषि यंत्रों पर से GST हटा देनी चहिए। – हसन प्रवक्ता अर्थशास्त्र एफ़ आर इस्लामिया इण्टर कॉलेज बरेली
– टीम न्यूज अपडेट यूपी