लखनऊ, यूपी। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पुलिस कस्टडी में एक दलित युवक की मौत का मामला सामने आया है। इस मामले में चार लोगों पर केस दर्ज किया गया। विकासनगर में शुक्रवार रात पुलिस कस्टडी में अमन कुमार गौतम की मौत के मामले में पत्नी रोशनी के तहरीर पर चार पुलिसकर्मियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज हुआ है। इनमें एक नामजद सहित तीन अज्ञात हैं। पुलिस अधिकारियों के अनुसार मामले की गंभीरता देखते हुए जांच करवाई जा रही है। सीपी सेंट्रल और यूपी-112 की लखनऊ प्रभारी रवीना त्यागी के मुताबिक 11 अक्टूबर की रात विकासनगर सेक्टर-8 में डॉ. अंबेडकर पार्क के पास कुछ लोगों के जुआ खेलने की सूचना मिली थी। इस पर UP 112 पीआरवी-4830 मौके पर पहुंची।
पुलिस को देखते ही जुआ खेल रहे लोग भागने लगे। इस दौरान पुलिस टीम ने सोनू बंसल और अमन कुमार गौतम को पकड़ा था। पूछताछ के लिए थाने लाने के लिए गाड़ी में बैठाए जाते ही अमन की तबीयत बिगड़ने लगी। इस पर तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। परिवारीजनों के आरोपों को देखते हुए तीन चिकित्सकों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया था। डीसीपी के अनुसार रिपोर्ट में हार्ट अटैक से मौत की पुष्टि हुई है। शरीर पर किसी प्रकार की चोट के निशान नहीं मिले हैं।
सिपाही शैलेंद्र पर पीटने का आरोप
अमन की पत्नी रोशनी ने पुलिस के दावे को सिरे से नकार दिया है। उनका कहना है कि अमन रात करीब 9 बजे डॉ. अंबेडकर पार्क टहलने गए थे और वहीं कुछ दोस्तों के साथ बैठ गए। इसी बीच पुलिस टीम स्कॉर्पियो Ā(UP32 DG 4830) से पहुंची और अमन को पकड़कर पूछताछ करने लगे। इस दौरान अभद्रता के साथ ही पीटने लगे। आरोप है कि पिटाई से अमन के बेहोश होने पर पहले महानगर स्थित अस्पताल फिर लोहिया संस्थान ले गए थे। हालांकि तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।
आरोप है कि अभद्रता और मारपीट में सिपाही शैलेंद्र सिंह सबसे आगे थे। दावा है कि पूरी घटना सीसीटीवी कैमरों में कैद भी हुई थी और फुटेज पुलिस अधिकारियों को सौंपी जा चुकी है। पत्नी की तहरीर पर विकासनगर पुलिस ने रविवार दोपहर सिपाही शैलेंद्र सिंह समेत तीन अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
एफआईआर के बाद अंतिम संस्कार
पुलिस कस्टडी में अमन की मौत से नाराज परिवारीजनों ने पोस्टमॉर्टम के बाद शव लेने तक से इनकार कर दिया। बड़ी संख्या में जुटे लोग आरोपित पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज करने के साथ ही पीड़ित परिवारीजनों को एक करोड़ रुपये की आर्थिक मदद और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी की मांग कर रहे थे। इसे लेकर खुर्रमनगर चौराहे के पास शनिवार को प्रदर्शन भी किया था।
पीड़ित परिवार से मिले सांसद चंद्रशेखर
विकासनगर में अमन गौतम की मौत का मामला काफी तूल पकड़ चुका है। परिवारीजनों के आरोपों और प्रदर्शन के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने जांच की मांग उठाई है। वहीं, आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद चंद्रशेखर आजाद ने रविवार को घर पहुंच पीड़ित परिवारीजनों से मुलाकात की। इस दौरान कहा कि पुलिस दबिश देने गई थी या दबंगई करने। उन्होंने कहा कि जिस तरह विवेक तिवारी हत्याकांड में आर्थिक मदद के साथ ही पत्नी को नौकरी दी गई है उसी तरह अमन के परिवारीजनों को भी मदद मिलनी चाहिए।
सांसद ने 50 लाख रुपये की मदद और परिवार के एक सदस्य को नौकरी की मांग उठाई। इसके साथ ही सांसद आरके चौधरी के साथ ही सपा नेता अनुराग भदौरिया भी पीड़ित परिवारीजनों से मिलने पहुंचे। पूरे मामले में नेताओं ने पुलिस की थ्योरी पर सवाल उठाते हुए गंभीरता से जांच की मांग की है।
वहीं, पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर भी पत्नी नूतन ठाकुर के साथ पीड़ित परिवारीजनों से मिलने पहुंचे थे। अमिताभ ठाकुर इसके बाद विकासनगर पुलिस स्टेशन गए और पुलिसकर्मियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर देखी। पूरी जानकारी लेने के बाद बताया कि पुलिस की थ्योरी पर कई सवाल उठ रहे हैं। तथ्यों के आधार पर कई बातें फर्जी व गलत लग रही हैं।
भाजपा विधायक ने भी की मुलाकात
विकासनगर स्थित अंबेडकर पार्क में पुलिस दबिश के दौरान अमन गौतम की दुखद मृत्यु होने की सूचना पर भाजपा विधायक डॉ. नीरज बोरा भी पीड़ित परिवार को सांत्वना देने पहुंचे। लखनऊ उत्तर के भाजपा विधायक ने कहा कि घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने परिजनों की बात सुनी, संवेदना जताई और कहा कि सरकार आपके साथ है। मामले की निष्पक्ष जांच होगी और परिवार को न्याय मिलेगा। विधायक डॉ. बोरा के साथ भाजपा के स्थानीय पार्षद उमेश सनवाल, राकेश मिश्रा, राघवराम तिवारी सहित अन्य मौजूद रहे।
– टीम न्यूज अपडेट यूपी