अंबा जी, सोमनाथ, द्वारिकाधीश व नागेश्वर ज्योतिर्लिंग के किए दर्शन
बरेली,यूपी। मनौना धाम आंवला बरेली के पीठाधीश्वर महंत ओमेंद्र महाराज पांच दिवसीय धार्मिक यात्रा पर गुजरात पहुंचे हैं। प्रथम दिवस उन्होंने 51 शक्तिपीठों में से एक अम्बा जी माता के दर्शन किए।
इस दौरान यहां पर मौजूद श्रद्धालुओं ने महाराज जी से आशीर्वाद प्राप्त किया। महंत ओमेंद्र ने बताया कि अंबाजी मंदिर, गुजरात के अरावली पर्वत श्रृंखला पर स्थित एक प्रमुख शक्तिपीठ है। यह मंदिर, माता सती के हृदय के गिरे स्थान पर बना है। अंबाजी मंदिर, मां दुर्गा के 51 शक्तिपीठों में से एक है। मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण का मुंडन संस्कार भी इसी मंदिर में हुआ था। मंदिर के गर्भगृह में कोई मूर्ति नहीं है। यहां स्वर्ण निर्मित ‘श्री यंत्र’ को मुख्य देवता के रूप में पूजा जाता है। यह मंदिर, गुजरात-राजस्थान सीमा पर अरासुर पर्वत पर स्थित है। मंदिर के शिखर की ऊंचाई 103 फ़ीट है और इस पर 358 स्वर्ण कलश स्थापित हैं।
द्वितीय दिवस पर महंत जी महाराज ने बताया कि उन्होंने भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से प्रथम ज्योतिलिंग सोमनाथ मंदिर पहुंचे और भगवान भोलेनाथ के दर्शन किए। तृतीय दिवस पूज्य महंत जी महाराज द्वारिकापुरी पहुंचे।यहां पर पहुंच कर उन्होंने विधिवत पूजा अर्चना कर द्वारिकाधीश भगवान श्री कृष्ण के स्वरूप के दर्शन किए। द्वारकाधीश मंदिर, भगवान कृष्ण को समर्पित एक हिंदू मंदिर है। इसे जगत मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। द्वारकाधीश मंदिर, गुजरात के द्वारका में बना है. यह मंदिर, भारत के चार धामों में से एक है।
माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण भगवान कृष्ण के पोते वज्रनाभ ने करवाया था।मंदिर की वास्तुकला चालुक्य शैली की है,मंदिर की दीवारों पर भारी मूर्तिकला है।मंदिर में सुभद्रा, बलराम, रेवती, वासुदेव, रुक्मिणी, और कई अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं।मंदिर में प्रवेश करने से पहले भक्तों को गोमती नदी में डुबकी लगानी होती है।
इस दौरान द्वारिका में मौजूद श्रद्धालुओं ने उन्हें पहचान लिया और सैकड़ों की संख्या में आशीर्वाद प्राप्त किया।राजस्थान के रहने वाले रामकिशन ने बताया कि वह एक बार मनौना धाम जा चुके हैं, उनके छोटे बेटे राजेश के आंखों में समस्या थी,तो बह उसे लेकर मनौना धाम गये थे।लेकिन उस समय गुरूजी महाराज के दर्शन नहीं हो पाए थे।बह श्याम जल लेकर वापस आ गए थे। लेकिन आज हम पर ऐसी कृपा हो गई कि हमें यहीं पर गुरूजी के दर्शन हो गए।इस दौरान उनके साथ नरौरा उत्तर प्रदेश निवासी उनके बहन बहनोई और परिवार के सदस्य भी थे।
यहां पर दर्शन करने व भक्तों को आशीर्वाद देने के बाद महंत ओमेन्द्र महाराज भेंट द्वारका पहुंचे और यहां पहुंचकर भगवान श्री कृष्ण के दर्शन व अन्य सभी प्रमुख मंदिरों के दर्शन किए। बेट द्वारका,गुजरात के जामनगर ज़िले में स्थित एक द्वीप है।यह कच्छ की खाड़ी के मुहाने पर स्थित है और ओखा शहर से 2 किलोमीटर दूर है।मान्यता है कि इसी जगह पर भगवान श्रीकृष्ण और उनके मित्र सुदामा की भेट हुई थी।पहले बेट द्वारका जाने के लिए नाव से समुद्र पार करना होता था,फ़रवरी 2024 में, ओखा और बेट द्वारका के बीच सुदर्शन सेतु का उद्घाटन हुआ है यह देश का सबसे लंबा केबल ब्रिज है।
यहां पर दर्शन करने के बाद महंत श्री ओमेन्द्र महाराज भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक नागेश्वर ज्योतिर्लिंग पहुंचे और यहां पहुंचकर भगवान भोलेनाथ का रूद्राभिषेक किया।
नागेश्वर गुजरात के द्वारका शहर से करीब 16 किलोमीटर दूर है।एक कथा के मुताबिक, सुप्रिया नाम का एक व्यापारी भगवान शिव का बहुत बड़ा भक्त था. सुप्रिया की भक्ति और सदाचारिता से एक बार दारुक नाम का राक्षस नाराज़ हो गया था. राक्षसों से बचने के लिए सुप्रिया ने भगवान शिव की तपस्या की. भगवान शिव ने दिव्य ज्योति के रूप में प्रकट होकर राक्षसों का नाश किया. सुप्रिया ने उस ज्योतिर्लिंग की पूजा की और भगवान शिव से वहीं स्थित होने का आग्रह किया था।धार्मिक मान्यता है कि नागेश्वर मंदिर में भगवान शिव और माता पार्वती नाग-नागिन के रूप में प्रकट हुए थे।
श्री श्याम जी मंदिर मनौना धाम पर प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं। यहां पर आने वाले सभी श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूर्ण हो रही हैं।यहां पर जो भी श्रद्धालु आकर अपनी अर्जी लगाते हैं उनकी अर्जियां पूर्ण होती हैं।
– टीम न्यूज अपडेट यूपी