आरएसी की पहली तैयारी बैठक नबीरा-ए-आला हज़रत मौलाना अदनान रज़ा क़ादरी ने की सदारत जल्द ही पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को सौंपी जाएगी ज़िम्मेदारी
बरेली। अगस्त की 29, 30, 31 तारीख़ को मरकज़-ए-अहले सुन्नत बरेली शरीफ़ में आला हज़रत के 106वें उर्स में दुनिया भर से आने वाले ज़ायरीन की मेहमानदारी शानदार होनी चाहिए। इसके लिए हमें अभी से तैयारियों में जुट जाना है। ज़ायरीन के ठहरने, खाने-पीने और दरगाह तक आने-जाने से लेकर उनकी सुरक्षा तक का ख़्याल रखना है। इंशाअल्लाह हर बार से बेहतर इंतज़ामात करने हैं ताकि किसी अक़ीदतमंद को कोई दिक़्क़त-परेशानी न हो। नबीरा-ए-आला हज़रत व ऑल इंडिया रजा एक्शन कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अदनान रज़ा क़ादरी ने उर्स-ए-रज़वी की तैयारियों के सिलसिले में हुई पहली बैठक में यह ख़िताब फ़रमाया।
मुफ़्ती उमर रज़ा ने कलाम-ए-पाक की तिलावत से बैठक की शुरुआत की। डॉ. साजिद रज़ा ने आला हज़रत की लिखी नात “चमक तुझसे पाते हैं सब पाने वाले” पढ़ी। इसके बाद मुफ़्ती उमर रज़ा ने ख़िताब फ़रमाया। उन्होंने कहा कि आरएसी की रवायत के मुताबिक़ यह पहली बैठक शहर और आसपास के इलाक़ों तक उर्स-ए-रज़वी को तैयारियों को रफ़्तार देने का काम करती है। आरएसी के तमाम पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को नबीरा-ए-आला हज़रत की क़यादत में तैयारियों में जुट जाना हैं ताकि ज़ायरीन का अच्छी तरह से ख़्याल रखा जा सके। हाफ़िज़ इमरान रज़ा बरकाती ने कहा कि उर्स-ए-आला हज़रत पूरी दुनिया में मनाया जाता है। इस मौक़े पर बरेली शरीफ़ आने वाले लोग हम सभी के ख़ास मेहमान हैं, इसलिए सभी को उनका ख़्याल रखना होगा।
आख़िर में नबीरा-ए-आला हज़रत मौलाना अदनान रज़ा क़ादरी ने ख़िताब फ़रमाया। उन्होंने कहा कि तैयारियों की यह बैठक असल में रस्मी बैठक है क्योंकि जब उर्स-ए-रज़वी आता है तो किसी एलान की ज़रूरत नहीं पड़ती। बरेली शरीफ़ और पूरे मुल्क में ही नहीं, सारी दुनिया में उर्स-ए-रज़वी की धूम मच जाती है। सारे इंतज़ामात अपने आप होने लगते हैं। फिर भी हमें अपना फ़र्ज़ निभाना है और कोशिश करनी है कि आला हज़रत के मेहमानों को हर तरह की आसानी मुहैया कराई जा सके। उन्होंने कहा कि बहुत जल्द बड़ी बैठक बुलाकर पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को उनकी ज़िम्मेदारियाँ सौंपी जाएंगी। इंशाअल्लाह इस बार के इंतज़ामात हर बार से बेहतर होंगे।
आख़िर में आला हज़रत का लिखा सलाम “मुस्तफ़ा जान-ए-रहमत” पढ़ा गया और नबीरा-ए-आला हज़रत के दुआ फ़रमाई। इस मीटिंग में मुशाहिद रफ़त, मौलाना सय्यद सफ़दर अली, मौलाना क़ारी सय्यद तौक़ीर रज़ा, मौलाना लियाक़त रज़ा, मौलाना इशरत रज़ा, मौलाना ज़ाहिद, मौलाना तालिब रज़ा, डॉ. साजिद रज़ा, मौलाना ताज रज़ा, ग़ुलाम मुस्तफ़ा, आफ़ाक़ रज़ा, हाफ़िज़ ग़ुलाम रज़ा, फुन्नू मियाँ, परवेज़ रज़ा, इफ़्तेख़ार अहमद, अक़ील अहमद, फ़ैज़ान सैफ़ी, मुज़म्मिल रज़ा, अजमल ख़ाँ, आक़िब रज़ा ख़ाँ, ताज रज़ा, अब्दुल लतीफ़ रज़ा, बासित रज़ा, यूनुस रज़ा, गुल हसन, ज़ाहिद ख़ाँ, सय्यद इमरान रज़ा, अब्दुल मुईद, शानू रज़ा सहित बड़ी तादाद में आरएसी के पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे।
– टीम न्यूज अपडेट यूपी