बरेली। नगर निगम बरेली अब शहर के दो लाख से ज्यादा भवन स्वामियों को एक जून से नया बिल जारी करने की तैयारी में हैं। इसको लेकर निगम की ओर से सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। जीआइएस सर्वे में 82 हजार नए भवन स्वामियों के जुड़ने के बाद नगर निगम नए वित्तीय वर्ष में अपना साफ्टवेयर भी बदल रहा है। दावा है कि जून के पहले सप्ताह से ही बोर्ड की ओर से स्वीकृत चालू वित्त वर्ष की छूट को भी लागू कर सकता है। नगर निगम जहाँ अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत है तो साथ ही निगम प्रशाशन इसको लेकर नई प्लानिंग के साथ टैक्स रिकवरी के लिए मैदान में आने को तैयार है। निगम द्वारा कराये गए जीआईएस सर्वे को लेकर भवन स्वामियों में भी रोष है तो इसको लेकर अभी भी दुविधा बनी हुई है।
शासन के निर्देश पर नगर निगम वर्ष 2020 से जीआइएस सर्वे करा रहा है। सर्वे पूरा होने के – बाद से निगम नई व पुरानी संपत्तियों का मिलान कर रहा है। मुख्य कर निर्धारण अधिकारी प्रदीप कुमार मिश्र के अनुसार टैक्स विभाग सभी भवन स्वामियों को एक साथ संपत्ति कर वसूलने को लेकर बिल जारी करेगा। इसके साथ ही बिल में भवन स्वामी की ओर से आपत्ति करने पर निगम की ओर से संबंधित राजस्व क्षेत्र के राजस्व निरीक्षकों के ओर से जांच कर रिपोर्ट लगवाई जाएगी। इसके साथ ही विभाग की ओर से वसूली को तेज करने के लिए बीसी सखी का चयन भी अंतिम दौर में पहुंच गया है। नगर निगम के 80 वार्डों में अब तक 1.45 लाख भवन स्वामी ही पंजीकृत थे। अब एक जून से बिल जारी होने के बाद इसकी संख्या 2.27 लाख से अधिक पहुंच जाएगी। सर्वे को लेकर जहाँ निगम अपना मत रखता है तो वहीं इस पर आवासीय और व्यवसायिक भवन स्वामियों का आकलन कुछ और है। भवन स्वामियों का कहना है की एक ही भवन में हमने जहाँ दो गेट निकाल रखे हैं तो निगम द्वारा उन दोनों को अलग अलग भवन मान कर टैक्स जोड़ा है जो गलत है। इसी के साथ टैक्स की कैलकुलेशन को लेकर भी भवन स्वामियों और नगर निगम टैक्स विभाग के अलग अलग मत हैं। अब देखना यह होगा की निगम द्वारा कराये गए सर्वे के बाद 01 जून से लागू नई व्यवस्था में भवन स्वामियों पर कितना टैक्स बढ़ता है और लोग इसको किस तरह स्वीकार करते हैं।
– टीम न्यूज़ अपडेट यूपी