एनएचएआई के भूमि अधिग्रहण घोटाले को अधिकारी-कर्मचारी दबाने में जुटे

बरेली,यूपी।एनएचएआई के भूमि अधिग्रहण घोटाले में आया चौकाने वाला सच। इस मामले में जुड़े राजस्व अधिकारी-कर्मचारी घोटाले को दबाने में जुटे हैं। यही वजह है कि एनएचएआई की प्रारंभिक जांच की रिपोर्ट आने के आठ दिन बाद भी उन लेखपालों और अमीनों से जवाब-तलब तक नहीं किया, जो मुआवजा भुगतान से पहले हुए सर्वे में शामिल थे। भू-उपयोग बदलने में तत्कालीन लेखपाल, कानूनगो, तहसीलदार और एसडीएम सवालों के घेरे में हैं।

भूमि अधिग्रहण का मुआवजा देने से पहले निजी सर्वेयर के साथ लेखपाल और विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी के अधीन कार्यरत अमीन ज्वाइंट मेजरमेंट सर्वे करते हैं। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर ही जमीन का मूल्यांकन होता है। मूल्यांकन रिपोर्ट की क्रॉस चेकिंग लोक निर्माण विभाग के अभियंता करते हैं, तब भुगतान हो पाता है। प्रक्रिया में शामिल सभी कर्मचारी-अधिकारी व अभियंता जांच के घेरे में हैं, लेकिन इन कर्मचारियों से उनके विभागीय अधिकारियों ने अभी तक स्पष्टीकरण तक नहीं मांगा है। वह जांच कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। बरेली में रिंग रोड के लिए सरनिया में 12 करोड़ रुपये मुआवजा तय किया गया। इस मामले में अब जांच टीम गांव जाएगी। उन बिंदुओं पर जांच होगी, जिन्हें लेकर एनएचएआई की जांच टीम ने सवाल उठाए हैं। यह प्रकरण डीएम की अदालत में भी विचाराधीन है। एनएचएआई मुख्यालय से दो अगस्त को जांच टीम ने रिंग रोड के दायरे में आए सरनिया का स्थलीय निरीक्षण किया था। जांच टीम के सामने फरवरी 2021 और मार्च 2022 में गूगल मैप से लिए गए कुछ चित्र प्रस्तुत किए गए। जांच टीम ने पाया कि फरवरी 2021 में उस स्थान पर कोई स्ट्रक्चर नहीं था, जबकि मार्च 2022 में गूगल मैप से लिए गए चित्रों में कुछ स्ट्रक्चर खड़े हैं। 24 फरवरी 2022 को इसकी शिकायत भी हुई थी।

इन बिंदुओं पर होगी जांच

  • 3-ए की अधिसूचना के बाद कितने खेतों का भू-उपयोग बदला गया?
  • गाटा संख्या 156 के लिए मौके पर कितनी चौड़ी है सड़क?
  • अधिक मुआवजा हासिल करने के लिए भू-स्वामियों ने राजस्व अधिकारियों से भू-उपयोग में बदलाव कराया या नहीं?
  • जहां 2021 में पेड़ खड़े थे, वहां अधिक मुआवजे के लिए स्ट्रक्चर कब बनाए गए?
  • भू-उपयोग में बदलाव करने के लिए रिपोर्ट किस-किस कर्मचारी व अधिकारी ने दी, जिस पर एसडीएम ने आदेश किए?

खाली खेतों पर स्ट्रक्चर दर्शाकर कंसल्टेंसी फर्म की ओर से मूल्यांकन किया गया। इसके प्रस्ताव तैयार किए गए। अगर कंसल्टेंसी फर्म के कुछ कर्मचारी-अधिकारी शामिल नहीं होते तो फर्जीवाड़ा बहुत पहले पकड़ा जा सकता था। प्रारंभिक छानबीन में यह तथ्य सामने आने के बाद भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनचएचआई) के स्थानीय खंड के पीडी ने मुख्यालय को अवगत कराया है। मुख्यालय स्तर से अब विस्तृत छानबीन होगी। फर्म को कारण बताओ नोटिस जारी होगा। फर्म के अधिकारियों का जवाब संतोषजनक नहीं हुआ तो फर्म को काली सूची में डालने तक की कार्रवाई हो सकती है, लेकिन फिलहाल इसमें देरी हो रही है। फर्म के अधिकारी और कर्मचारी बरेली सितारगंज हाईवे के चौड़ीकरण के लिए दूसरे फेज में काम कर रहे हैं।

– टीम न्यूज अपडेट यूपी

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Author: News Update Up

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