भारतीय राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे की डिजाइन बनाने वाले शख्स का नाम है पिंगली वेंकैया। पिंगली वेंकैया स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। उनका जन्म 2 अगस्त 1876 को आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले में हुआ था। ये बात तो अधिकतर लोग जानते हैं कि पिंगली वेंकैया ने तिरंगे की डिजाइन बनाई थी, लेकिन उनके निजी जीवन की खास बातें कम लोग ही जानते हैं। यहां जानिए तिरंगे की डिजाइन बनाने वाले पिंगली वेंकैया से जुड़ी खास बातें…
पिंगली वेंकैया का जन्म 2 अगस्त, 1876 को वर्तमान आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम के निकट भाटलापेन्नुमारु नामक स्थान पर हुआ था। इनके पिता का नाम हनुमंतारायडु और माता का नाम वेंकटरत्नम्मा था। वे तेलुगु ब्राह्मण कुल से थे।
मछलीपत्तनम से हाई स्कूल उत्तीर्ण करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए वे कोलंबो चले गए। भारत लौटने के बाद उन्होंने एक रेलवे गार्ड के रूप में और फिर बेल्लारी में एक सरकारी कर्मचारी के रूप में काम किया।
पिंगली वेंकैया ने लाहौर के एंग्लो वैदिक महाविद्यालय से उर्दू और जापानी भाषा का अध्ययन भी किया था।
वेंकैया कई विषयों के जानकार थे। उन्हें भूविज्ञान और कृषि क्षेत्र से भी विशेष लगाव था।
वेंकैया ने ब्रिटिश भारतीय सेना में भी सेवा की थी और दक्षिण अफ्रीका के एंग्लो-बोअर युद्ध में भी भाग लिया था। यहीं वे महात्मा गांधी के संपर्क में आए और उनकी विचारधारा से बहुत प्रभावित हुए।
गांधीजी के संपर्क में आने के बाद वे भारत के आजादी लड़ाई में शामिल हो गए। पिंगली वेंकैया ने 1916 के बाद करीब 5 सालों के अध्ययन के बाद तिरंगे की डिजाइन बनाई थी।
पिंगली वैंकेया ने पहले हरे और लाल रंग का इस्तेमाल करते हुए एक झंडा तैयार किया था, जिसे सबकी सहमति नहीं मिली थी। इसके बाद उन्होंने एक ऐसा ध्वज तैयार किया, जिसमें केसरिया, सफेद और हरे रंग की पट्टियां थीं। इसे सभी की सहमति मिल गई थी। राष्ट्रीय ध्वज बनाने के बाद पिंगली वेंकैया को झंडा वेंकैया के नाम से पहचान मिली। 4 जुलाई, 1963 को पिंगली वेंकैय्या का निधन हो गया।
साभार – सुरेश बाबू मिश्रा
साहित्य भूषण