यूपी। प्रयागराज में 15 अप्रैल 2023 को पुलिस अभिरक्षा में दिनदहाड़े हुई माफिआ डॉन अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ़ अशरफ की हत्या में और अतीक के बेटे असद समेत तीन अभियुक्तों के साथ हुई पुलिस मुठभेड़ में हुई मौत के मामले में गठित आयोग ने पुलिस को दोनों मामलों में क्लीन चित दे कर लगाए गए सभी आरोपों से मुक्त कर दिया। इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दिलीप बाबासाहब भाँसले की अध्यक्षता में गठित पांब सदस्यीय न्यायिक आयोग ने अतीक अशरफ की हत्या में माना है कि इसमें पुलिस तंत्र पा राज्य तंत्र का कोई संबंध नहीं है। साक्ष्यों से आयोग को यह प्रतीत हुआ कि यह घटना अचानक हुई थी। वहीं उमेश पाल हत्या कांड के अभियुक्तों असद, विजय चौधरी और गुलाम की पुलिस मुठभेड़ स्वाभाविक थी। पुलिस पार्टी ने आत्मरक्षा के अधिकार के तहत ही अभियुक्तों पर गोली बताई। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में काहा है कि अतीक व अधाराश की हत्या से पुलिस को बहुत कुछ खोना पड़ा। दोनों की मौत होने से जांच के दौरान बरामद हधिपारी व गीता बारूप्य से जुड़े काई सवात अनुत्तरित रह गए।
उमेश पाल हत्याकांड प्रयागराज में उमेश पाल और उनके दो सरकारी अंगरक्षकों की हत्या एवं उसके अभियुक्तों विजय कुमार चौधरी उपी उस्मान मी. असद व भी घुलाम के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने की संपूर्ण घटना की जांच करने वाले न्यायिक आधी ने पुलिस की क्लीन बिट दे दी है। मो
असद माफिया डॉन अतीक अहमद का बेटा था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से गुरुवार को विधानसभा व विधान परिषद में आयोग की रिपोर्ट पेश की गई।
– टीम न्यूज अपडेट यूपी