देश में पिछले कुछ सालों में यूनिफाइट पेमेंट इंटरफेस यानी UPI का इस्तेमाल रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ा है। मौजूदा समय में चाय की दुकान से लेकर बड़े-बड़े बिल पेमेंट के लिए लोग UPI पेमेंट का इस्तेमाल करना ज्यादा पसंद करते हैं। यूपीआई लॉन्च होने के बाद देश अर्थव्यवस्था को काफी मदद मिली है, इसके अलावा आम जनता को भी काफी फायदा हुआ। लोगों को अब कैश रखने की जरूरत नहीं पड़ती लेकिन इसी बीच यूपीआई और डिजिटल पेमेंट के जरिए होने वाले फ्रॉड के मामलों में भी काफी बढ़ोतरी हुई है।
आरबीआई ने अपने वार्षिक रिपोर्ट में बताया कि बीते दो सालों में सबसे ज्यादा डिजिटल धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए गए हैं। वित्त वर्ष 2023 में आरबीआई को रिपोर्ट किए गए मामलों की संख्या 300% बढ़कर लगभग 36,000 हो गई, जबकि वित्त वर्ष 2022 में लगभग 9,000 मामले थे लेकिन अब केंद्रीय बैंक डिजिटल फ्रॉड की संख्या को कम के लिए एक डिजिटल पेमेंट इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म लाने की तैयारी कर रही है। इस प्लेटफॉर्म को स्थापित करने के लिए आरबीआई डिजिटल पब्लिक बेसिक इंफ्रासेक्टर के विभिन्न पहलुओं की जाँच करने के लिए एक कमेटी बनाएगा।
आरबीआई ने मॉनीटरी कमेटी पॉलिसी पेश किया है। इस दौरान आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि डिजिटल धोखाधड़ी के बढ़ते मामले को रोकने और कम करने के लिए एक सिस्टम-व्यापी दृष्टिकोण की आवश्यकता को उजागर करते हैं। इसलिए डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम में नेटवर्क-लेवल पर इंटेलिजेंस और रियल टाइम डेटा शेयर करने के लिए एक डिजिटल पेमेंट इंटेलिजेंस प्लेफॉर्म स्थापित करने का प्रस्ताव है।
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