साल 2024 में RBI नहीं करेगी ब्याज दरों में कटौती, जानें SBI प्रमुख शेट्टी ने ऐसा क्यों कहा?

नई दिल्ली: देश में खाद्य महंगाई पर अनिश्चितता बनी हुई है. इसी बीच भारतीय स्टेट बैंक के प्रमुख सीएस सेट्टी का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने अपने एक बयान में कहा कि इस साल यानी 2024 में भारतीय रिजर्व बैंक रेपो रेट में कटौती नहीं करेगा. वहीं, चार साल बाद अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से पहली कटौती जल्द किए जाने की उम्मीद है. उन्होंने आगे कहा कि अगर अमेरिकी फेड रिजर्व ब्याज दरों में कटौती करता है, तो इससे अन्य अर्थव्यवस्थाओं के केंद्रीय बैंक भी प्रेरित होंगे.

ब्याज दरों में कटौती से पहले खाद्य मुद्रास्फिति पर ध्यान देगी RBI
दरअसल, उन्होंने ये सब बातें न्यूज एजेंसी पीटीआई को एक इंटरव्यू में कही हैं. उन्होंने इंटरव्यू में कहा, “दरों के मोर्चे पर बहुत से केंद्रीय बैंक स्वतंत्र रूप से निर्णय ले रहे हैं. जबकि फेड की दर में कटौती से सभी प्रभावित होंगे, आरबीआई ब्याज दरों में कटौती पर निर्णय लेने से पहले खाद्य मुद्रास्फीति को ध्यान में रखेगा.”

साल 2024 में ब्याज दरों में नहीं होगी कटौती
SBI चीफ ने आगे कहा,”हमारा यही मानना है कि चालू कैलेंडर साल के दौरान दरों में कटौती नहीं हो सकती है, शायद हमें चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च 2025) तक इंतजार करना पड़े, जब तक कि खाद्य मुद्रास्फीति के मामले में कोई अच्छा सुधार न हो.” उन्होंने आगे कहा कि RBI गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (एमपीसी) 7-9 अक्टूबर को मीटिंग करेगी और ब्याज दर पर फैसला लेगी.रिटेल इंफ्लेशन , जिसे दर-निर्धारण पैनल एमपीसी अपने निर्णय के लिए ध्यान में रख रहा है, अगस्त में मामूली रूप से बढ़कर 3.65 प्रतिशत हो गई, जो जुलाई में 3.54 प्रतिशत थी.

अगस्त में MPC ने 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा रेपो रेट
इंफ्लेशन आरबीआई के एवरेज टार्गेट 4 प्रतिशत से नीचे बनी हुई है, जबकि अगस्त महीने में खाने-पीने की कीमतों में वृद्धि की दर 5.66 प्रतिशत थी. भारतीय रिजर्व बैंक ने फूड इंफ्लेशन रिस्क के बीच लगातार नौवीं बार रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत अपरिवर्तित रखा था. केंद्रीय बैंक ने फरवरी 2023 में आखिरी बार रेपो रेट में बदलाव किया था.

हर दो महीने में होती है मीटिंग
बता दें कि प्रत्येक दो महीने में एक बार भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर की अध्यक्षता में मॉनिटरी पॉलिसी मीटिंग होती है. इस कमेटी में कुल 6 सदस्य होते हैं, जिनमें से तीन आरबीआई के अधिकारी होते हैं, जबकि तीन सदस्य सरकार की ओर से बैठक में हिस्सा लेते हैं. भारतीय रिजर्व बैंक की ओर बैठक में शामिल सदस्यों में गवर्नर, डिप्टी गवर्नर और एक नॉमिनेटेड ऑफिसर होते हैं.

– टीम न्यूज अपडेट यूपी

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