हर साल निवेशकों को लगती है 50,000 करोड़ रुपए से ज्यादा की चपत
मुंबई। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) डेरिवेटिव ट्रेडिंग के लिए जल्द ही सख्त नियम अधिसूचित कर सकता है। बाजार नियामक के इस कदम का उद्देश्य अटकलबाजी वाली ट्रेडिंग गतिविधियों को काबू में करना है क्योंकि इससे हर साल खुदरा निवेशकों को कुल 50,000 करोड़ रुपए से ज्यादा की चपत लगती है। उद्योग के भागीदारों से प्राप्त प्रतिक्रिया के आधार पर बाजार नियामक ने जुलाई में जारी परामर्श पत्र में सात उपाय प्रस्तावित किए थे। मामले के जानकार तीन सूत्रों ने कहा कि सेबी की आगामी बोर्ड बैठक में इसे मामूली बदलाव के साथ लागू किया जा सकता है।
सूत्रों के अनुसार नियामक के पास प्रस्तावों को मंजूरी के लिए बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत किए बिना ही अंतिम मानदंड जारी करने का भी प्रावधान है। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि नियामक उन खुदरा निवेशकों के हित में जल्द से जल्द सुरक्षा तंत्र कायम करना चाहता है जो अक्सर इस क्षेत्र में अपना पैसा गंवाते रहते हैं। सेबी को उपायों का चरणबद्ध तरीके से लागू करना, ट्रेडरों के लिए योग्यता की शर्तें लगाना मानदंड और उच्च मार्जिन आवश्यकता तथा पोजीशन लिमिट से संबंधित नियमों को थोड़ा आसान बनाने के सुझाव प्राप्त हुए हैं।
– टीम न्यूज अपडेट यूपी