राधा- कृष्ण के प्रेम और त्याग में दर्शक हुए भाव विभोर – रिद्धिमा में नाटक के दौरान

"अन्तःस्मरण" में हुआ राधा कृष्ण की अंतिम मुलाकात का मंचन

बरेलीः एसआरएमएस रिद्धिमा के प्रेक्षागृह में रविवार की शाम खचाखच भरे दर्शकों के सामने राधा कृष्ण की अंतिम मुलाकात का नाटक “अन्तःस्मरण” में मंचन हुआ। अश्वनी कुमार लिखित और विनायक श्रीवास्तव निर्देशित यह नाटक महाभारत युद्ध के बाद की कहानी को दिखाया गया। जिसमें गांधारी कृष्ण को महाभारत युद्ध का ज़िम्मेदार बताती है और कृष्ण के सामने ही उसका पूरा वंश आपस में लड़ कर समाप्त होने श्राप देती हैं। कृष्ण श्राप को सहर्ष स्वीकार कर लेते हैं। लेकिन विचलित कृष्ण खुद को अकेला महसूस करते हैं। इसी समय कृष्ण का प्रतिबिम्ब कृष्ण को समझाता है कि वो अकेले नहीं हैं। उसके साथ तो पूरा बृज है, यशोदा मैया है, बाल सखा हैं और उनके साथ राधा भी हैं, उसका प्रेम है। यहीं से कहानी फ्लैशबैक में जाती है और बाल कृष्ण माखन चोरी कर मइया यशोदा को परेशान करते हैं।

यशोदा माखन चोरी से परेशान करने पर कृष्ण को ओखली में बांध देती हैं। वहीं पर बाल राधा भी आती और कान्हा से पूछती हैं उसको क्यों बांधा है? बड़े होने के बाद राधा कृष्ण मिलते हैं और होली पर राधा कृष्ण गोपियों संग होली खेलते हैं और नृत्य करते हैं। कृष्ण राधा को बताते है की दोनों एक दूसरे से निस्वार्थ प्रेम करते हैं। इसी प्रेम के कारण संसार में तुम्हारा नाम मुझसे पहले लिया जायेगा। इसलिए राधा का नाम हमेशा कृष्ण से पहले आता है राधा- कृष्ण। राधा ने कृष्ण से कहती है कृष्ण तुम हमेशा मेरे प्रेम की परीक्षा लेने उद्धव को भेजते हो। उद्धव अहंकार लेकर आये थे और मैंने भी उद्धव को प्रेम की परिभाषा बहुत ही विद्वता से समझाई है। उद्धव प्रेममय होकर वापस चले गए। उद्धव को भी एहसास होता है कि दोनों का प्रेम निस्वार्थ है। अंत में महाभारत युद्ध के बाद कृष्ण राधा से मिलते हैं। दोनों भाव विभोर होकर एक दूसरे को देखते हैं। राधा कृष्ण से कहती है कान्हा हमारा प्रेम किसी फल का मोहताज़ नहीं है। राधा और कृष्ण कहते है प्रेम निर्मल और एक दूसरे के लिए प्रेरणा श्रोत है। नाटक में फरदीन हुसैन (कृष्ण), आशुतोष अग्निहोत्री (कृष्ण प्रतिबिम्ब), शीतल रावत (राधा), सोनालिका सक्सेना (गांधारी), अनमोल मिश्रा (यशोदा), गौरिका मिश्रा (बाल कृष्ण), फातिमा (बाल राधा), सूर्य प्रकाश (उद्धव) ने बेहतरीन अभिनय किया। संजय सक्सेना ने सूत्रधार के रूप में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। भजन मंडली में मनोज शर्मा, मनीष यादव, शिवा शर्मा, ईशान रस्तोगी सुमन बिश्वास शामिल रहे। नाटक में सूरज पांडेय ने संगीत दिया। तबले पर सुमन विश्वास ने साथ दिया। इस मौके पर एसपी देहात दक्षिणी मानुष पारिख, एसआरएमएस ट्रस्ट के संस्थापक व चेयरमैन देव मूर्ति , आशा मूर्ति , आदित्य मूर्ति, उषा गुप्ता , डा.प्रभाकर गुप्ता, डा.अनुज कुमार, डा. जसप्रीत कौर, डा. एसएम सिंह, डा.रीटा शर्मा और गण्यमान्य लोग मौजूद रहे।

– टीम न्यूज अपडेट यूपी

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