बरेली। वाराणसी धाम से पधारे कथा व्यास पंडित आशीष मिश्र ने श्री हरि मंदिर मॉडल टाउन बरेली मे कथा के प्रथम दिन अपने उदगार व्यक्त करते हुए कहा की भगवान शंकर खाली कवि नहीं है। अखिल रसामृतमूर्ति सुकवि है। एक गंगा भगवान शंकर की जटा से और दूसरी कथा रूपी गंगा शिवजी के हृदय से प्रवाहित हुई है।
रचि महेस निज मानस राखा
भगवान शंकर के चरित्र को सत्यम् शिवम् सुंदरम् कहा गया है। श्मशान सत्य है, मृत्यु सत्य है, राम नाम सत्य है। पूज्य दादाजी मानसरत्न डॉ श्रीनाथजी मिश्र कहां करते थे जो व्यक्ति 9 दिन अथवा 11 दिन शिव चरित्र श्रवण कर ले तो वह शिवमय हो जाता है। भगवान शंकर का नेत्र बंद करके समाधि में रहने का एकही कारण है बस रामरस का पान करना है।
तुम्ह पुनि राम राम दिन राती।
सादर जपहु अनँग आराती॥
राम नाम के बिना व्यक्ति तरने वाला नहीं है। कवि में नवरस होना चाहिए और अखिल रसामृतमूर्ति सुकवि भगवान शंकर है।
यत्पूर्वं प्रभुणा कृतं सुकविना श्रीशम्भुना दुर्गमं
श्रीमद्रामपदाब्जभक्तिमनिशं प्राप्त्यै तु रामायणम्।
श्रेष्ठ कवि भगवान श्री शंकरजी ने पहले जिस दुर्गम मानस-रामायण की, श्री रामजी के चरणकमलों में नित्य-निरंतर (अनन्य) भक्ति प्राप्त होने के लिए रचना की है।
।।सियावर रामचंद्र महाराज की जय।।
मंदिर कमेटी सचिव श्री रवि छाबड़ा जी ने सभी श्रद्धालुओं का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि श्री राम कथा का श्रवण सभी भक्तजन 27 जून 24 तक प्रत्येक दिन शाम 8 बजे से 9.30 बजे करेंगे। सभी भक्तो से निवेदन है कि अधिक से अधिक संख्या में पधार कर लाभ ले। कथा की समाप्ति पर सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया गया।
– टीम न्यूज़ अपडेट यूपी