उत्तराखंड के बच्चों की सुधर रही है कद-काठी, ग्रोथ मॉनिटरिंग रिपोर्ट में वजन पर भी चौंकाने वाले खुलासे

News update uk :- उत्तराखंड के बच्चों की सुधर रही है कद-काठी, ग्रोथ मॉनिटरिंग रिपोर्ट में वजन पर भी चौंकाने वाले खुलासे
उत्तराखंड में रहने वाले बच्चों की कद और काठी सुधर रही है। बाल विकास विभाग की ग्रोथ मॉनिटरिंग रिपोर्ट में वजन पर भी चौंकाने वाले खुलासे हुए है।
उत्तराखंड के आंगनबाड़ी केंद्रों में पढ़ने वाले बच्चों की कद-काठी में सुधार हो रहा है। बीते एक साल का अंतर बताता है कि बच्चे नाटेपन की समस्या के साथ ही अंडरवेट से भी तेजी से उबरे हैं। बाल विकास विभाग की ग्रोथ मॉनिटरिंग रिपोर्ट बताती है कि एक साल के भीतर 11 फीसदी बच्चे आदर्श लंबाई का मानक छूने में कामयाब रहे हैं।अधिकारियों के मुताबिक बच्चों को मिलने वाले पौष्टिक आहार के कारण ये सुधार हुआ है। प्रदेश में आंगनबाड़ी केंद्रों में छह साल तक के कुल 7,71,847 नौनिहाल पंजीकृत हैं। रिपोर्ट के मुताबिक अगस्त 2023 में आंगनबाड़ी में 32 प्रतिशत ऐसे बच्चे पंजीकृत थे, जिनमें नाटेपन की समस्या थी।बच्चों को पोषण देने के साथ ही ऐसे बच्चों की नियमित जांच की गई। अब ऐसे बच्चों की संख्या 21 फीसदी रह गई है। अंडरवेट बच्चों की संख्या में भी कमी आई है। बीते साल आठ फीसदी बच्चे कम वजन के थे, इस बार आंकड़ा पांच फीसदी रह गया है। शून्य से तीन साल के बच्चों की लंबाई और वजन कार्यकर्ता घर जाकर मापते हैं। तीन से छह साल के बच्चों का मापन केंद्र में होता है।

आदर्श लंबाई का मानक
बाल विकास विभाग के मुताबिक छह साल तक के लड़कों की आदर्श लंबाई 67.6 सेंटीमीटर और लड़कियों की 65.7 सेमी होनी चाहिए। इससे कम होने पर नौनिहाल नाटेपन की श्रेणी में आएंगे। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. रितु रखोलिया ने बताया कि बच्चों में सुधार हो रहा है। स्पष्ट है कि पोषक तत्वों का असर हुआ है। हरी सब्जियां, दाल, दूध, अंडा और विटामिन युक्त आहार के सेवन से बच्चे का शारीरिक विकास तेज होता है।

हमारी कोशिश यही है कि पंजीकृत नौनिहालों की देखरेख कर उन्हें कुपोषण से मुक्त किया जाए। एक साल में 11 बच्चों की लंबाई की दिक्कतें दूर हुई हैं।

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Author: News Update Up

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