लखनऊ,यूपी। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का फैसला होटल, रेस्टोरेंट व ढाबों के बाहर मालिक का नाम लिखवाना बसपा सुप्रीमो मायावती को रास नहीं आया। उन्होंने इस फैसले पर कहा कि जनता का ध्यान बांटने की चुनावी राजनीति से ज्यादा कुछ भी नहीं है।
बसपा सुप्रीमो ने गुरुवार को सोशल मीडिया एक्स पर लिखते हुए कहा है कि राज्य सरकार द्वारा होटल, रेस्तरां, ढाबों आदि में मालिक, मैनेजर का नाम, पता के साथ ही कैमरा लगाना अनिवार्य करने की घोषणा उचित नहीं है। इसी तरह कावड़ यात्रा के दौरान ऐसी कार्रवाई काफी चर्चाओं में रह चुकी है। वैसे तो खासकर खाद्य पदार्थों में मिलावट आदि को लेकर पहले से ही काफी सख्त कानून मौजूद हैं, फिर भी सरकारी लापरवाही, मिलीभगत से मिलावट का बाजार हर तरफ गर्म है। दुकानों पर अब लोगों के नाम जबरदस्ती लिखवा देने आदि से क्या मिलावट का कालाधंधा खत्म हो जाएगा?
1. यूपी सरकार द्वारा होटल, रेस्तराँ, ढाबों आदि में मालिक, मैनेजर का नाम, पता के साथ ही कैमरा लगाना अनिवार्य करने की घोषणा, कावंड़ यात्रा के दौरान की ऐसी कार्रवाई की तरह ही, फिर से काफी चर्चाओं में कि यह सब खाद्य सुरक्षा हेतु कम व जनता का ध्यान बांटने की चुनावी राजनीति ज्यादा। 1/3
— Mayawati (@Mayawati) September 26, 2024
उन्होंने कहा है कि वैसे भी तिरुपति मंदिर में ‘प्रसादम’ के लड्डू में चर्बी की मिलावट की खबरों ने देश भर में लोगों को काफी दुखी व उद्वलित कर रखा है। इसको लेकर भी राजनीति जारी है। धर्म की आड़ में राजनीति के बाद अब लोगों की आस्था से ऐसे घृणित खिलवाड़ का असली दोषी कौन? यह चिंतनीय है। झारखंड राज्य के गढ़वा जिला अंतर्गत डंडई थाना में गरीब ग्रामीण की पुलिस हिरासत में कथित तौर पर हुई मौत व उसे जलाकर साक्ष्य मिटाने का मामला अति-गंभीर, दुखद व निंदनीय है, इससे लोगों में जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है। सरकार घटना की उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।
– टीम न्यूज अपडेट यूपी