UP NEWS:- वैज्ञानिकों ने बताया कि खेतों में पराली जलाने से वायु प्रदूषण बढ़ता है और अगली फसल का उत्पादन प्रभावित होता है।

Newsupdateup:- खबर उत्तर प्रदेश के जिला बरेली से है जहां पर बताया गया है कि खेत में पराली जलाने से फसल घटती है खेतों में पराली जलाने पर अगली फसल में घट जाता है उत्पादन
बरेली में वैज्ञानिकों ने बताया कि खेतों में पराली जलाने से वायु प्रदूषण बढ़ता है और अगली फसल का उत्पादन प्रभावित होता है। पराली जलाने से मिट्टी में कार्बनिक पदार्थों का नुकसान होता है.खेतों में पराली जलाने से जहां वायु प्रदूषण बढ़ता है, वहीं इसका असर अगली फसल के उत्पादन पर भी पड़ता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि पराली जलाने पर मिट्टी में मौजूद कार्बनिक पदार्थों का नुकसान होता है। इसलिए पराली जलाने के बजाय उसका इस्तेमाल खाद के रूप में करना बेहतर होगा। काफी कोशिशों के बाद भी खेतों में पराली जलाने का सिलसिला कम होता नजर नहीं आ रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि खेतों में फसल अवशेष जलाने से भूमि में उपलब्ध जैव विविधता समाप्त हो जाती है। इससे मिट्टी में होने वाली रासायनिक क्रियाएं भी प्रभावित होती हैं। इससे कार्बन नाइट्रोजन एवं कार्बन फास्फोरस का अनुपात बिगड़ जाता है, जिससे पौधों को पोषक तत्व ग्रहण करने में कठिनाई होती है।

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Author: News Update Up

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