आगरा,यूपी। पिछले दिनों भारी बारिश के दौरान ताजमहल के मुख्य गुंबद से पानी के रिसाव का मामला प्रकाश में आया। उसके बाद पौधा नजर आया तो सियासत गरमा गई। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखकर ताजमहल के संरक्षण पर सवाल खड़े कर दिए हैं। वहीं एएसआई के अधिकारियों का कहना है कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। केवल गलतफहमी के कारण ऐसा हुआ है। जो स्थान बताया गया है, वहां पर 17 सितंबर तक कोई पौधा नहीं था।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा कि विश्वभर के पर्यटकों को आकर्षित करने वाले अजूबे ताजमहल के रख-रखाव को लेकर भाजपा सरकार व उसके सुषुप्त निष्क्रिय विभाग पूरी तरह से नाकाम हैं। मुख्य गुंबद पर लगे कलश की धातु में जंग लगने की आशंका है। मुख्य गुंबद से पानी टपक रहा है। गुंबद में पेड़ उग आने का समाचार सुिर्खयों में है। इन जैसे पेड़ों की जड़े अगर विकसित हुईं तो ताजमहल में दरारें आ सकती हैं। ताजमहल का परिसर बंदरों के लिए अभयारण्य बन गया है। ताजमहल परिसर में जलभराव की समस्या है। पर्यटकों की परेशानी ये है कि वो ताजमहल निहारें या समस्याओं से निपटें। इन सब कारणों से दुनिया भर से आने वाले पर्यटकों के बीच देश की छवि वैश्विक स्तर पर धूमिल होती है। सवाल ये है कि ताजमहल के रख-रखाव के लिए जो करोड़ों का फंड आता है, वो कहां जाता है?
सीसीटीवी में कुछ नहीं
ताजमहल में लगे सीसीटीवी कैमरों को चेक किए जाने पर एक भी फुटेज नहीं निकल पा रही है। इससे यहां सुरक्षा की जिम्मेोदारी संभाल रही केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल और एएसआई के अधिकारियों को भी परेशानी हो रही है। अधीक्षण पुरातत्वविद का कहना है कि कई बार वीडियो की सत्यता जानने के लिए सीसीटीवी फुटेज देखे गए तो मिले ही नहीं। अब ऐसे में किसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाए। अध्यक्ष इस्लामियालोकलएजेंसी के मो. जाहिद ने कहा कि मैंने अरशद नाम के एक लड़के को सुपरवाइजर के पद पर रखा था, लेकिन उसके द्वारा गड़बड़ी करने की शिकायतें आने लगीं तो उसे हटा दिया था। उसने ही ये शूटिंग करवाई थी। ये वीडयो भी दो महीने पहले का है। अब वह उन्हीं वीडियो को वायरल कराकर ये साबित करना चाहता है कि शूटिंग की अनुमति मैंने दी थी, लेकिन शूटिंग के बारे में मुझे न तो जानकारी है और न ही मैंने अनुमति ही दी। अधीक्षण पुरातत्वविद, डॉ. राजकुमार पटेल ने कहा कि पिछले एक साल से ताज के अंदर बंदर द्वारा पर्यटक को काटे जाने की एक भी घटना रिकार्ड नहीं हुई है। स्मारक में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगा है। बारिश में कुछ देर पानी जरूर रुकता है। ये जरूरी भी है। इसे जलभराव नहीं कहा जा सकता है। ताज सहित सभी स्मारकों के संरक्षण का कार्य लगातार चलता रहता है।
विजिट में पौधा नहीं दिखा अधीक्षण पुरातत्वविद
स बारे में अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ. राजकुमार पटेल का कहना है कि मुख्य गुंबद से पानी नहीं टपका था। बूंदें गिरने की जानकारी मिलने पर टीम को लगाया गया था। पता चला कि बारिश के कारण कुछ पानी बौछार से अंदर आ गया। कुछ बूंदें नमी के कारण छत से टपकीं, लेकिन ये लगातार नहीं हुआ। इसको लगातार दो दिन तक चेक कराया गया था। उन्होंने कहा कि पौधे को लेकर कोई गलतफहमी हुई है। 17 सितंबर को स्मारक की विजिट की थी। तब मुख्य गुंबद या दीवार पर कोई पौधा नहीं दिखा। वैसे हर शुक्रवार को सफाई का काम चलता है।
आए दिन घटनाओं से एएसआई परेशान
पिछले दिनों में ताज से जुड़े आधा दर्जन से ज्यादा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकारियों की परेशानियां बढ़ गईं हैं। उन्हें यही नहीं पता लग पाता है कि वीडियो कब का है। ताजमहल के पूर्व में भी वीडियो वायरल होते रहे हैं, लेकिन पिछले दिनों में इतनी तेजी के साथ ये वायरल हुए कि इनका पता करना ही मुश्किल भरा काम हो गया है।
हाल ही में ताजमहल में हुईं घटनाओं के वीडियो हुए वायरल
ताज के गार्डन में पानी भरा
मुख्य गुंबद से पानी की बूंदों का रिसाव हुआ दो व्यक्तियों और एक महिला ने ताज के गार्डन में टायलेट किया मुख्य गुंबद की दीवार पर पौधा उगा ताज के टायलेट की ओर कपड़े उतारकर नलों पर पर्यटक नहाए।
– टीम न्यूज अपडेट यूपी