लम्बे समय से जारी रूस यूक्रेन युद्ध अब भयावह दौर में पहुंच गया है । दोनों ओर से परुमाण मिसाइल और घातक ड्रोन का प्रयोग एक दूसरे के सैन्य अड्डों एवं महत्वपूर्ण स्थलों को तबाह करने के लिए किया जा रहा है । जो सम्पूर्ण मानवता के लिए खतरे की घन्टी है ।
इस युद्ध में यूक्रेन को भारी तबाही झेलनी पड़ी है । उसके कई महत्वपूर्ण शहर पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं । युद्ध के दौरान यूक्रेन में हुई जन धन और सैन्य शक्ति की तबाही का सही अनुमान लगाना भी कठिन है । रुस की सैन्य शक्ति को भी भारी क्षति पहुंची है । यूक्रेन के ताजा मिसाइल और ड्रोन हमलों ने उसके कई महत्वपूर्ण सैन्य संयत्र तबाह कर दिए है । मगर दोनों देश अपनी अपनी चौराहे कायम करने के लिए युद्ध में पीछे हटने के लिए तैयार नहीं है । इसलिए भयावह युद्ध जारी है । इससे तृतीय विश्व युद्ध की आहट साफ सुनाई दे रही है । यह स्थित सम्पूर्ण मानवता के लिए चिन्ताजनक है ।
उधर इजरायल और हमास के बीच भीषण जंग जारी है। लगभग दस महीने से इजरायली सेना और हमास के आतंकी लड़ाकों के बीच भीषण जंग जारी है । इजरायल के प्रधानमंत्री गाजा पट्टी में हमास आतंकियों का पूरी तरह से अस्तित्व मिटा देने की कई बार घोषणा कर चुके हैं।
गाजा पट्टी में हमास आतंकवादियों और इजरायली सेना के बीच भीषण युद्ध जारी है। लगातार एक-दूसरे पर राकेट दागे जा रहे हैं। इजरायली सेना द्वारा गाजा पट्टी में आसमान से लेकर जमीन तक सभी जगहों से हमास के आतंकी ठिकानों पर लगातार हमले किए जा रहे हैं। इस युद्ध में पचास हजार से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और एक लाख से अधिक लोग गम्भीर रूप से घायल हो चुके हैं। इसे विडंबना ही कहा जाएगा कि मरने वालों में अधिकांश निरीह नागरिक बेबस महिलाएं और मासूम बच्चे हैं। गाजा में चारों तरफ लाशें, तबाही और चीखों-कराहों का मंजर है।
इजराइल को भी भारी तबाही झेलनी पड़ी है । बड़ी संख्या में इजराइली सैनिक हताहत हुए हैं । हमास आतंकी लड़ाकों द्वारा किए जा रहे मिसाइल और ड्रोन हमलों में इजराइल को जन धन की भारी हानि उठानी पड़ रही है । इजराइल की सैन्य शक्ति और हथियारों का भंडार भी धीरे धीरे नष्ट होता जा रहा है ।
अमेरिका और अधिकांश यूरोपीय देश इजरायल के पक्ष में खड़े हैं। वहीं दूसरी ओर अधिकांश इस्लामिक देश हमास और फिलिस्तीन के साथ लामबन्द हो गए हैं। इससे तृतीय विश्व युद्ध की आहट साफ सुनाई दे रही है। यह स्थिति पूरी दुनिया और मानवता के अस्तित्व के लिए खतरे की घन्टी है। इस सबके बावजूद विश्व में शान्ति की स्थापना करने और युद्ध को रोकने के लिए बने अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय जैसे संगठन मूकदर्शक बनकर खड़े हुए हैं। उनके द्वारा युद्ध को रोकने, घायलों की चिकित्सा और युद्ध से बेघर हुए फिलिस्तीनियों को रसद और दवाइयां पहुंचाने के लिए कोई गम्भीर प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि यह अन्तर्राष्ट्रीय संगठन अपनी उपयोगिता खोते जा रहे हैं और दुनिया के कुछ बड़े देशों में धड़ेबाजी के कारण यह अन्तर्राष्ट्रीय संगठन अपने को असहाय और लाचार महसूर कर रहे हैं। यहां तक कि इस युद्ध में युद्ध के लिए बनाए गए अन्तर्राष्ट्रीय कानूनों का पालन भी नहीं हो रहा है। यह स्थिति बहुत गम्भीर और चिन्ताजनक है । यदि तृतीय विश्व युद्ध हुआ तो इससे सम्पूर्ण विश्व का अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाएगा । इसीलिए यह आवश्यक है कि दुनिया के शीर्ष देश विश्व युद्ध की आहट को सुने और विश्व युद्ध रोकने के लिए कारगर कदम उठाएं ।
सुरेश बाबू मिश्रा
साहित्य भूषण, बरेली